अभिनव प्रयोग
अभिनव प्रयोग
अभिनव होय प्रयोग सुहावन,जंगल में अब मंगल होगा।
नयी-नयी रचनाएँ होंगी, नव छंदों का होगा योगा।
जोड़-तोड़ की कविता होगी, नव निर्माण करेंगे लोगा।
मधुरिम भाव विशाल हृदय की,कविता खत्म करेगी रोगा।
नवाचार का उद्गम होगा, नयी सोच अब लहरायेगी।
नव्य रसों से सिंचित कविता,नवधामृत रूप दिखायेगी।
निर्मित होंगे नये भाव सब, नयी चेतना नित आयेगी।
नव छंदों में ललित लालिमा,कवित क्रांति कवि उर छायेगी।
Renu
23-Jan-2023 05:01 PM
👍👍🌺
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